प्रायद्वीपीय भारत के पर्वत : प्रायद्वीपीय भारत के पर्वतों को मुख्यतः तीन भागों में बाँटा जा सकता है।
प्रायद्वीपीय किसे कहते हैं?
प्रायद्वीप भूमि के वो भाग होते हैं जिनके तीन तरफ जल तथा एक ओर स्थल (भूमि) होता है। भारत के दक्षिणी तिकोनी आकृति के भू-भाग को प्रायद्वीपीय भारत कहते हैं।
प्रायद्वीपीय भारत की पहाड़ियाँ
प्रायद्वीपीय भारत की पहाड़ियों को तीन मुख्य भागों में बाँटा जाता है –
- गुजरात के पहाड़
- पश्चिमी घाट की पहाड़ियां
- पूर्वी घाट की पहड़ियां
1. गुजरात की पहाड़ियां
- गुजरात की सभी पहाड़ियां दो प्रमुख क्षेत्र में फैली हुयी है ।
- कच्छ के रण में ।
- सौराष्ट्र के क्षेत्र में । इसी सौराष्ट्र वाले क्षेत्र को काठियावाड़ प्रायद्वीप भी कहते है ।
- गुजरात की पहाड़ियों को पांच भागों में बाँटा जाता है –
कच्छ की पहाड़ियां
- कच्छ के रण के पास है ।
- यहां पर राजस्थान से आ रही लूनी नदी (लवण नदी) सूख जाती है ।
- सबसे उच्चतम बिन्दु को कालो डंगर कहा जाता है । इसकी ऊँचाई 462 मी0 है ।
बरदा या बरड़ा की पहाड़ियां
- ये गुजरात के सौराष्ट्र वाले हिस्से में है ।
- जामनगर क्षेत्र में पड़ती है ।
- बड़ा वन्यजीव भंडार भी है ।
- पोरबंदर बंदरगाह से 15 कि0मी0 दूर है ।
- इस पहाड़ी की सबसे ऊँची चोटी “आभपरा” है ।
गिरनार पहाड़ियां
- ये गुजरात के सौराष्ट्र वाले हिस्से में है ।
- इनको रोवात्त पहाड़ी भी कहा जाता है।
- जूनागड़ के पास है।
- इसकी औसत ऊँचाई 3500 फिट है ।
- उच्चतम बिन्दु गोरखनाथ है।
- सम्राट अशोक के 14 धर्मलेख यहीं पर है।
गिर पहाड़ियां
- यहां पर गिर राष्ट्रीय उद्यान स्थित है।
- एशियाई शेर यहां पाये जाते हैं।
माण्डव पहाड़ियां
- ये गुजरात में है।
- यहां की सबसे ऊँची चोटी है।
2. पश्चिमी घाट पहाड़ियां
- पश्चिमी घाट पर्वत को सहयाद्री पर्वत भी कहा जाता है।
- पश्चिमी घाट को 2 भागों में बाँटा गया है।
- कोंकण तट- गुजरात से गोवा पार करके कुछ कर्नाटक तक।
- मालाबार तट- कर्नाटक से केरल तक
- पश्चिमी घाट की प्रमुख पहाड़िया निम्नवत हैं –
सातमाला श्रेणी
- नासिक(महाराष्ट्र) में है।
- उच्चतम बिन्दु 1472 मी0 है।
अजन्ता पहाड़ियां
- ये औरंगाबाद में है।
- अजन्ता और एलोरा की गुफायें यहीं पर हैं।
- यूनेस्को की विश्व विरासत स्थलों की सूची में से एक है।
हरिश्चन्द्र श्रेणी
- महाराष्ट्र में है।
- इसकी औसत ऊँचाई 600 मी0 है।
बालाघाट श्रेणी
- महाराष्ट्र में है।
- इसकी औसत ऊँचाई 550 मी0 से 825 मी0 है।
- हरिश्चन्द्र एंव बालाघाट पर्वत श्रेणियां दो नदियों गोदावरी एंव भीमा नदी के मध्य में है । उत्तर में गोदावरी तथा दक्षिण में भीमा नदी । अतः ये दोनों पहाड़ियां गोदावरी एंव भीमा नदी को अलग अलग करती है।
कालसुबाई चोटी
- महाराष्ट्र के नासिक में है।
- औसत ऊँचाई 1646 मी0 है।
महाबलेश्वर चोटी
- महाराष्ट्र में है।
- कृष्णा नदी यहीं से निकलती है।
कुद्रेमुख पहाड़ी
- कर्नाटक में है।
- इसके समांतर में एक पहाड़ी है जिसे बाबा बुद्धनगिरी पहाड़ी के नाम से जाना जाता है।
ब्रह्मगिरी पहाड़ी
- कर्नाटक में है।
- यहां कुर्ग जिले से कावेरी नदी निकलती है। आगे जाकर बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
नीलगिरी पहाड़ी
- केरल, तमिलनाडु एवं कर्नाटक की सीमा पर पश्चिमी एवं पूर्वी घाट मिलते है । यहीं पर नीलगिरी पर्वत है।
- इसका उच्चतम बिन्दु दोद्दा बेट्टा है, जिसकी ऊँचाई 2637 मी0 है । ये पश्चिमी घाट का द्वितीय उच्चतम शिखर है।
- इसके नीचे पाल घाट दर्रा है।
- ऊटी या उटकमंड पर्यटक स्थल यहीं पर है।
अन्ना मलाई पहाड़ियां
- केरल एवं तमिलनाडु की सीमा पर है ।
- सबसे उच्चतम बिन्दु अन्नामुदी है जिसकी ऊँचाई 2695 मी0 है । ये पश्चिमी घाट का सबसे उच्चतम शिखर है ।
पालनी पहाड़ियां
- ये पहाड़ियां तमिलनाडु में स्थित है ।
- यहाँ पर एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कोडैकनाल है ।
इलाईची पहाड़िया
- कार्डमोम की पहाड़ियां भी कहा जाता है ।
- केरल एवं तमिलनाडु की सीमा पर स्थित है ।
- यही पर शेनकोट्टा दर्रा है ।
- भारत की सबसे दक्षिणी पहाड़िया यही है ।
- महेन्द्रगिरी चोटी सबसे दक्षिणी चोटी है ।
3. पूर्वी घाट की पहाड़ियां
- पश्चिमी घाट से निकलने वाली सारी नदियां पूर्वी घाट में ही आकर गिरती है। इसका कारण यह है कि पश्चिमी घाट की ऊँचाई पूर्वी घाट से अधिक है । इसलिए नदियां ढाल की तरफ अपना रास्ता बनाती है।
- नदियों के प्राकृतिक बहाव के कारण हुए कटाव से यहां के पहाड़ों के बीच काफी खाली जगह बन गयी है।
- पूर्वी घाट की प्रमुख पहाड़िया मुख्यतः तीन राज्यों ओड़िशा, आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु में विभक्त है। जिसका विवरण निम्नवत हैं –
ओडिशा की पहाड़ियां
- गड़जात की पहाड़ियां
- अस्सीया पहाड़ियां भूवनेश्वर के पास
- टिकरपारा पर्वत श्रेणी
- न्यागढ़ पहाड़ियां
आंध्र प्रदेश की पहाड़ियां
- एरामाला पहाड़ियां
- आन्द्र प्रदेश के कुरनूल जिले में है।
- इसके पूर्व में तुंग भद्रा नदी जोकि कृष्णा नदी की सहायक नदी है उसमें मिलती है।
- शेषचलम पहाड़ियां
- नल्लामलाई पहाड़ियां
- वेलीकोंडा पहाड़ियां
- पालकोण्डा पहाड़ियां
- नागरी पहाड़ियां
- एरामाला पहाड़ियां
तमिलनाडु की पहाड़िया
- जावादी पहाड़ी
- शिवराय पहाड़ी
- पचाईमलाई पहाड़ी
- सिरूमलाई पहाड़ियां
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