हिमालय पर्वत श्रृंखला

 

  • हिमालय पर्वत श्रेणी को समझने हेतु 2 आधार से विभाजित कर समझा जा सकता है –
  1. उत्तर से दक्षिण की ओर विभाजन
  2. पश्चिम से पूर्व की ओर विभाजन
  3. हिमालय पर्वत श्रेणी विभाजन

    1) उत्तर से दक्षिण की ओर विभाजन

    • उत्तर से दक्षिण की ओर हिमालय को चार भागों में बाटा गया है ।
      • ट्रांस हिमालय
      • वृहद हिमालय
      • मध्य/लघु हिमालय
      • शिवालिक हिमालय

    I. ट्रांस हिमालय

    • काराकोरम पर्वत श्रेणी आती है ।
      • ये भारत की सबसे उत्तरीय पर्वत श्रेणी है ।
      • तिब्बत में इसे कैलास पर्वत श्रेणी के नाम से जाना जाता है ।
      • इसी पर्वत श्रेणी में K2 (गॉडविन ऑस्टिन) पर्वत चोटी है जो विश्व में दूसरे स्थान की सबसे ऊँची चोटी है, वर्तमान में ये पाक अधिकृत कश्मीर में है। भारत की सबसे ऊँची चोटी कंचनचंघा (सिक्किम) में है ।
      • इस पर्वत श्रेणी में महत्वपूर्ण ग्लेशियर निम्नलिखित है ।
        • सियाचिन ग्लेशियर
        • यारकंद रिमो ग्लेशियर
        • बाल्तोरो ग्लेशियर
        • फेदचेंका ग्लेशियर
    • लद्दाख पर्वत श्रेणी
      • दोनों तरफ नदी बहती है। श्योक नदी व सिंधु नदी ।
      • लद्दाख श्रेणी के पास लेह है जोकि सिंधु नदी के किनारे बसा हुआ है ।
      • राका कोशी (सबसे तीव्र ढलान वाला पर्वत) यही है ।
    • जासकर पर्वत श्रेणी भी ट्रांस हिमालय का ही भाग है ।

    II. वृहद हिमालय

    • ट्रांस और वृह्द हिमालय के बीच की जगह को शचर जोन कहते है ।
    • वृहद हिमालय, मध्य हिमालय एवं शिवालिक हिमालय में से वृहद हिमालय सबसे ऊँचा है । इसी औसत ऊँचाई 6000 मी0 है ।
    • चौड़ाई 120 मी0 से 192 मी0 है। चौड़ाई पश्चिम से पूर्वी की तरफ घटती जाती है ।
    • ढलान पश्चिम से पूर्व की तरफ बढ़ती जाती है । इसी कारण से पूर्व की तरफ की नदी कोसी में (ढलान अधिक होने के कारण ) हर वर्ष बाड़ आ जाती है ।
    • पश्चिम में नागा पर्वत (पाकिस्तान) से पूर्व में नामचाबारवा पर्वत (जिब्बत) तक फैला हुआ है ।
    • काफी सारे ऊँचे पर्वत वृहद हिमालय में आते है ।
    पर्वत का नामस्थितऊँचाई (मी0)
    माउंट एवरेस्टनेपाल8848
    के2भारत (पीओके)8611
    कंचनचंगासिक्किम और नेपाल की सीमा पर है ।8586
    मकालूनेपाल8462
    धौलागिरीभारत8167
    मंशालूनेपाल8163
    नागा पर्वतपाकिस्तान8125
    अन्नपूर्णानेपाल8091
    त्रिशूलभारत8091
    नंदा देवीभारत7816
    बंदरपूंछभारत6316
    बद्रीनाथभारत3300
    • माउंट एवरेस्ट को अलग अलग देशों में अलग अलग स्थानीय नामों से भी जाना जाता है ।
      • नेपाल में सागर माथा कहा जाता है ।
      • म्यांमार में अराकान योमा कहा जाता है ।
      • तिब्बत में चोमोलुंगमा कहा जाता है । अर्थ पर्वतों की रानी ।
    • इसके अन्तर्गत दो ग्लेशियर आते है ।
      • गंगोत्री ग्लेशियर
      • यमुनोत्री ग्लेशियर

    III. लघु हिमालय या मध्य हिमालय

    • इसकी औसत चैड़ाई 80 कि0मी0 से 100 कि0मी0 है ।
    • इसकी औसत ऊँचाई 3700 मी0 से 4500 मी0 है ।
    • इसका अस्तित्व नेपाल तक ही है । क्योंकि हिमालय पर्वत की मोटाई पश्चिम में अधिक और पूर्व में कम है इसलिए यह हिमालय श्रृंखला नेपाल तक ही सीमित हो जाती है ।
    • 5 पर्वत श्रेणी में बटा हुआ है –
      • पीर पंजाल पर्वत श्रेणी- जम्मू कश्मीर
      • धौला गिरी- हिमाचल प्रदेश
      • मंसूरी- उत्तराखण्ड
      • महाभारत श्रेणी- नेपाल
      • नागटिब्बा श्रेणी- नेपाल
    • सर्दियों में बर्फ से ढ़का रहता है और गर्मियों में बर्फ पिघल जाती है और गर्मियों में घास उग जाती है ।इन्हीं घास के मैदानों को मर्ग या बुग्याल या प्याल कहा जाता है ।
      • गुलमर्ग, सोनमर्ग आदि
    • मध्य हिमालय और वृहद हिमालय के बीच की जगह को घाटी कहा जाता है ।
      • श्रीनगर एक घाटी है जो वृहद हिमालय और मध्य हिमालय के बीच में है । वूलर झील और डल झील इन्ही घाटियों में है ।
      • चुम्भी घाटी सिक्किम में है ।
      • कुल्लू कांगडा घाटी हिमाचल प्रदेश में है ।
    • मध्य हिमालय में कई पर्यटक स्थल स्थित है –
      • हिमाचल प्रदेश- शिमला, मनाली, डलहौजी
      • उत्तराखण्ड- मसूरी, रानीखेत, नैनीताल विंडसर

    IV. शिवालिक हिमालय

    • सबसे बाहरी और नवीन हिमालय है ।
    • चौड़ाई 10 कि0मी0 से 50 कि0मी0 है ।
    • ऊँचाई 900 मी0 से 1200 मी0 तक है ।
    • मध्य हिमालय और शिवालिक हिमालय के बीच पाई जाने घाटियों को दून या द्वार कहा जाता है । जैसे देहरादून, हरिद्वार ।
    • मैसम अच्छा एवं कृषि योग्य भूमि पाई जाती है । इसलिए यहां अधिक लोग यहां रहते है ।
    • शिवालिक पर्वत के निचले भाग को तराई कहते है जो वनाच्छादित तथा दलदली रहता है ।
    • इसके पश्चिम से सिंधू गार्ज है एवं पूर्व में दिहांग गार्ज है । नदी द्वारा पहाड़ों के बीच बनाया गया रास्ता(झरने की तरह) को गार्ज कहा जाता है ।

    2) पश्चिम से पूर्व की ओर विभाजन

    • पश्चिम से पूर्व की ओर विभाजन में हिमालय को 4 भागों में बाटा गया है –
      • पंजाब या कश्मीर हिमालय
      • कुमाऊँ हिमालय
      • नेपाल हिमालय
      • असम हिमालय

    I. पंजाब हिमालय (कश्मीर हिमालय)

    • सिंधु नदी व सतलुज नदी के बीच का भाग पंजाब या कश्मीर हिमालय कहा जाता है ।
    • इसकी लम्बाई 560 कि0मी0 है ।
    • पंजाब, हिमाचल एवं कश्मीर का भाग इसके अन्तर्गत आते है ।
    • मानसरोवर का राकसताल(जहां से सतलुज नदी नीकलती है) इसी के अन्तर्गत आते है ।
    • देवदार, ब्लू पाइन, स्प्रेस, सिलवर जूनिपर आदि वनस्पतियां पाई जाती है ।

    II. कुमाऊँ हिमालय

    • सतलुज नदी से काली नदी (उत्तराखण्ड व नेपाल बोर्डर पर) तक का हिस्सा कुमायूँ हिमालय कहलाता है।
    • लम्बाई 320 कि0मी0 सबसे छोटा यही है ।

    III. नेपाल हिमालय

    • काली नदी से तीस्ता नदी तक का हिस्सा नेपाल हिमालय कहलाता है ।
    • लम्बाई 800 कि0मी0 है ।
    • औसत ऊँचाई 6250 मी0 है ।
    • सर्वाधिक ऊँची पहाड़ियां इसे के अन्तर्गत आती है ।
    • सिक्किम और दार्जिलिंग इसी के अन्तर्गत आते है ।
    • काठमांडू घाटी इसी के अन्तर्गत आती है ।

    IV. असम हिमालय

    • तीस्ता नदी से लेकर के दिबांग नदी तक के हिस्से को असम हिमालय कहा जाता है ।
    • लम्बाई 750 कि0मी0
    • नागा पहाड़ी इसके अन्तर्गत आती है ।
    • कोहिमा एवं मणीपुर, इम्फाल इसी के अन्तर्गत आते है ।
    • खासी, जयन्ती, झफला आदि पहाड़िया इसी के अन्तर्गत आती है ।
    • जूनीपर, ओक, मैपिल, एल्डर एवं विलो आदि वनस्पतियां यहां पाई जाती है ।

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