राष्ट्रीय राजमार्ग की नंबरिंग की प्रक्रिया
राष्ट्रीय राजमार्ग की नंबरिंग की प्रक्रिया (National Highway Numbering Process) :- जानें भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग की नंबरिंग की प्रक्रिया कैसे की जाती है।
- सभी उत्तर से दक्षिण उन्नमुख (Vertical या लम्बवत) राजमार्गों को सम (even) संख्या दी जाती है। ये संख्या पूर्व से पश्चिम की ओर को बढ़ते हुए क्रम में आवंटित किया जाता है। इन सभी राजमार्गों को नक्शे में नीले रंग से दर्शाया जाता है।
- सभी पूर्व से पश्चिम उन्नमुख (Horizontal या क्षैतिज) राजमार्गों को विषम (odd) संख्या दी जाती है। ये संख्या उत्तर से दक्षिण की ओर को बढ़ते हुए क्रम में आवंटित किया जाता है । इन सभी राजमार्गों को नक्शे में लाल रंग से दर्शाया जाता है।
- सभी प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) की संख्या एकल या दो अंक ही होते है।
- तीन अंकों वाले राजमार्ग (National Highway) मुख्य राजमार्ग की एक उप-शाखा होंगे।
- उदाहरण के लिए- NH144- NH44 की एक उप शाखा है।
- अंग्रेजी के A,B,C,D आदि प्रत्यय तीन अंकों वाले उप राजमार्गों की भी उपशाखा होंगे।
- उदाहरण के लिए- NH144A, इसमें मुख्य राजमार्ग NH44 है तथा NH144 उसकी उपशाखा है तथा NH144A उसकी भी उपशाखा है।
- उपरोक्त नंबरिंग के अनुसार भारत के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों का विवरण निम्नवत है-
- NH1- जम्मू कश्मीर (उरी-लेह)
- NH2- असम (डिब्रूगढ़) से नागालैंढ-मणिपुर-मिज़ोरम (तुपांग) तक।
- NH4- अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में स्थित है।
- भारत का अंतिम सम संख्या (even) वाला राष्ट्रीय राजमार्ग (लम्बवत/vertical, नीले रंग का) NH68 है। जोकि राजस्थान के जैसलमेर को गुजरात के प्रांतिज से जोड़ता है। अतः भारत में NH70 नहीं है।
- भारत में अंतिम विषम संख्या (odd) वाला राष्ट्रीय राजमार्ग (क्षैतिज/Horizontal, लाल रंग का) NH87 है। जोकि तमिलनाडु में स्थित है। अतः भारत में NH87 नहीं है।
0 Comments