पाठगत हल प्रश्न (NCERT IN-TEXT QUESTIONS SOLVED)
NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या-149)
प्र० 1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम लिखिए।
उत्तर- विश्व का प्रत्येक पिंड प्रत्येक अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है, जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।
प्र० 2. पृथ्वी तथा उसके पृष्ठ पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या-152)
प्र० 1. मुक्त पतन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- किसी ऊँचाई से किसी वस्तु (पिंड) का केवल गुरुत्वीय बल के कारण नीचे गिरना मुक्त पतन कहलाता है, जबकि पिंड (वस्तु) पर कोई अन्य बल कार्य नहीं कर रहा हो।
प्र० 2. गुरुत्वीय त्वरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- जब भी कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है, त्वरण कार्य करता है। यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण होता है। इसलिए इस त्वरण को पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण (Acceleration due to Gravity) या गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। इसे ‘g’ से निर्दिष्ट करते हैं। ‘g’ को मात्रक वही है जो त्वरण का होता है, अर्थात् ms-2
NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या-153)
प्र० 1. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है?
उत्तर-
प्र० 2. किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का गुणा क्यों होता है?
उत्तर- हम जानते हैं कि किसी वस्तु का भार ‘g’ पर निर्भर करता है। चूंकि चंद्रमा का द्रव्यमान और त्रिज्या पृथ्वी के द्रव्यमान और त्रिज्या से कम है जिसके कारण वे किसी वस्तु पर कम गुरुत्वाकर्षण बल लगाती है अर्थात्
चंद्रमा पर g का मान = पृथ्वी पर g का मान
अतः चंद्रमा किसी वस्तु पर छह गुणा कम गुरुत्वाकर्षण बल लगाता है जिसके कारण चंद्रमा पर किसी वस्तु ।
का भार पृथ्वी पर उसके भार का गुणा होता है।
NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 157)
प्र० 1. एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की। सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?
उत्तर- यदि स्कूल बैग का पट्टा पतली तथा मजबूत डोरी से बना होता है तो हाथ या कंधे पर अधिक दाब लगाता है क्योंकि समान बल कम क्षेत्रफल पर अधिक दाब लगाता है।
प्र० 2. उत्प्लावकता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- जब किसी पदार्थ को किसी तरल में पूर्ण या आंशिक रूप से डुबोया जाता है तो उस पर ऊपर की दिशा में एक बल (प्रणोद) लगता है जिसे उत्प्लावकता कहते है।
प्र० 3. पानी के पृष्ठ पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?
उत्तर- जब किसी वस्तु का घनत्व किसी द्रव (जैसे-पानी) के घनत्व से कम होता है तो वह वस्तु तैरती है। इस स्थिति में वस्तु पर ऊपर की दिशा में लगाने वाले उत्प्लावन बल का मान वस्तु के भार से अधिक होता है। जब d < d’ तो उत्प्लावन बल U > वस्तु को भार W (वस्तु तैरेगी)
जहाँ, d = वस्तु का घनत्व
d’ = द्रव का घनत्व
इसी प्रकार, जब वस्तु का घनत्व द्रव (जैसे-पानी) के घनत्व से अधिक होता है तो इस स्थिति में वह वस्तु डूब जाती है। क्योंकि उत्प्लावन बल का मान वस्तु के भार से कम होता है।
अर्थात् जब d > d’ तो U < W (वस्तु डूबेगी)
NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 158)
प्र० 1. एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम?
उत्तर- वास्तव में एक तुला द्वारा लिया गया पाठ्यांक भार होता है जिसे हम द्रव्यमान मानते हैं। चूँकि हम किसी। वस्तु का वजन वायु में लेते हैं इसलिए उस वस्तु पर वायु के कारण उत्प्लावन बल भी लगता है। आभासी भार = वस्तु का वास्तविक भार – उत्प्लावन बल 42 kg भार = वस्तु का वास्तविक भार – उत्प्लावन बल
स्पष्टतः
वस्तु का वास्तविक भार = 42 kg + उत्प्लावन बल
अतः उस लड़के का द्रव्यमान 42 kg से अधिक होगा।
प्र० 2. आपके पास रुई का एक बोरा तथा लोहे की एक छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी हैं। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों?
उत्तर- चूँकि रुई के बोरे का आयतन अधिक होगा इसलिए रुई के बोरे पर लगने वाले उत्प्लावन बल का मान लोहे की अपेक्षा अधिक होगी। ऐसा इसलिए होता है। क्योंकि
उत्प्लावन बल = वस्तु द्वारा विस्थापित तरल (गैस, द्रव) का भार
अधिक आयतन से अधिक तरल विस्थापित होगा। स्पष्टत: रुई के बोरे का वास्तविक भार लोहे की छड़ के भार से अधिक होगा।
पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न (NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED)
प्र० 1. यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर- गुरुत्वाकर्षण बल का मान दो वस्तुओं के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
अतः गुरुत्वाकर्षण बल का मान 4 गुना बढ़ जाएगा।
प्र० 2. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के अनुक्रमानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हलकी वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती?
उत्तर-
अतः पृथ्वी के पृष्ठ पर या इसके समीप रखी वस्तुओं के लिए ‘g’ का मान उस वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है। इसलिए हलकी वस्तु और भारी वस्तु एक साथ गिरती है (जबकि वायु का प्रतिरोध नगण्य हो)।
प्र० 3. पृथ्वी तथा उसके पृष्ठ पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 x 106 m है)।
उत्तर-
प्र० 4. पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?
उत्तर- पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है, चंद्रमा भी उतने ही बल से पृथ्वी को आकर्षित करता है क्योंकि न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार क्रिया तथा प्रतिक्रिया बराबर तथा विपरीत दिशा में होती है। अतः पृथ्वी जब गुरुत्वीय बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है। तो चंद्रमा भी उतने ही गुरुत्वीय बल से पृथ्वी को विपरीत दिशा (अर्थात् अपनी ओर) में आकर्षित करता है।
प्र० 5. यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?
उत्तर- पृथ्वी का द्रव्यमान (m) बहुत अधिक है तथा पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी बहुत अधिक है इसलिए इनके बीच गुरुत्वीय बल (F) का मान इतना नहीं होता है जिससे पृथ्वी में त्वरण (a) उत्पन्न हो सके। क्योंकि
a = न्यूटन के गति के दूसरे नियम द्वारा अर्थात किसी वस्तु में उत्पन्न त्वरण उस वस्तु के द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अतः पृथ्वी में उत्पन्न त्वरण का मान नगण्य हो जाता है जिसका अवलोकन भी नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति नहीं करती है।
प्र० 6. दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए?
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ?
प्र० 7. गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्त्व हैं?
उत्तर- गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के महत्त्व
(i) गुरुत्वाकर्षण बल हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाले बल की व्याख्या करता है।
(ii) पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की गति की व्याख्या करता है।
(iii) सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति की व्याख्या करता है।
(iv) चंद्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार-भाटा।
(v) यह अनेक ऐसी परिघटनाओं; जैसे-वर्षा होना, बर्फ़ गिरना तथा नदियों, झरनों से पानी बहने आदि की व्याख्या करता है।
प्र० 8. मुक्त पतन का त्वरण क्या है?
उत्तर- मुक्त पतन का त्वरण वही है जो पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण है। इसे ‘g’ से निर्दिष्ट किया जाता है और इसका मात्रक ms-2 होता है।
g = 9.8 m/s2
प्र० 9. पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
उत्तर- इसे पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण या गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं, जिसे ‘g’ से निर्दिष्ट करते हैं।
प्र० 10. एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? (संकेतः ध्रुवों पर g को मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
उत्तर- किसी वस्तु के भार का मान W = mg सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है। चूंकि द्रव्यमान (m) का मान सभी जगहों पर एक समान रहता है इसलिए सोने के भार का मान ‘g’ पर निर्भर करेगा। इसलिए |Wp > Wp] क्योंकि ध्रुवों पर ‘g’ का मान विषुवत वृत्ते की अपेक्षा अधिक है।
अतः उसका मित्र सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा क्योंकि विषुवत वृत्त पर सोने का भार (W) कम हो जाएगा।
जहाँ Wp = ध्रुवों पर सोने का भार
We = विषुवत वृत्त पर सोने का भार
प्र० 11. एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
उत्तर- कागज की शीट का क्षेत्रफल अधिक होता है जिसके | कारण इस पर लगने वाले वायु प्रतिरोध (Air Resistance) का मान अधिक होता है इसलिए इसकी चाल कम हो जाती है तथा धीमी गिरती है। जबकि उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद तेजी से गिरती है क्योंकि इसका क्षेत्रफल कम हो जाने के कारण इसके ऊपर लगने वाले वायु प्रतिरोध का मान कम हो जाता है।
अतः उसी ऊँचाई से यह तेजी से गिरती है।
प्र० 12. चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा गुणा है। एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
प्र० 13. एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए
(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है।
(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय = 5s अधिकतम ऊँचाई से पृथ्वी की सतह पर गेंद को वापस आने में लगा समय = 5s
अतः पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय = 5s + 5s = 10s
प्र० 14. 19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
प्र० 15. कोई पत्थर ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g= 10 m/s2 लेते हुए पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
प्र० 16. पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 x 1024 kg तथा सूर्य को द्रव्यमान = 2 x 1030 kg। दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 x 1011 m है।
प्र० 17. कोई पत्थर 100 m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे?
प्र० 18. ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए।
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई;
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई; तथा
(c) 4s पश्चात् गेंद की स्थिति।
प्र० 19. किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु का उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर- उत्प्लावन बल ऊपर की दिशा में कार्य करता है।
प्र० 20. पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?
उत्तर- जबे प्लास्टिक के गुटके को पानी में डुबोई जाती है। तो गुटके पर पानी द्वारा लगने वाला ऊपर की दिशा में बल (उत्प्लावन बल U) इसके भार (W) से अधिक है इसलिए प्लास्टिक के गुटके को पानी के भीतर छोड़ने पर वह ऊपर उठती है और बाहर आ जाता है। अर्थात् [U > W] उत्प्लावन बल अधिक इसलिए होता है क्योंकि गुटके का घनत्व पानी से कम होता है।
प्र० 21. 50 ग्राम के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm है। यदि पानी को घनत्व 1 g cm3 हो, तो पदार्थ तैरेगा, या डूबेगा?
प्र० 22. 500 g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm है। पैकेट 1 g cm3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा। इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
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